The best Side of mahavidya baglamukhi

Wiki Article

बिंदु त्रिकोण षट्कोणव्रत्ताष्टदलमेव च।

She is Aadi Shakti indicates she may be the Vitality that is The main reason to the existence of this full universe. With no Strength no one can endure. She is the supreme ability.

ब्रह्मास्त्रं च प्रवक्ष्यामि खेद्य प्रत्यय कारणम् ।

A person who propitiates Maa Baglamukhi by the Baglamukhi Puja emerges victorious more than all enemies whether or not they are in open up or intent to bring about harm to anyone whilst currently being hidden. 

One more etymology suggests that valga suggests "to paralyze" and symbolizes the power of stambhana, "paralysis" which the goddess is alleged to grant; this concept seems questionable to Kinsley.[seven]

Maa Bagalamukhi Yantra is actually a holy machine consisting of the symbol or maybe a figure of geometric shapes that generates the strength of Maa Baglamukhi. Wearing this Baglamukhi Yantra shields the individual from evil Strength and potential customers them to Reside a cheerful, peaceful, and prosperous lifetime.

बगलामुखी महाविद्या: बगलामुखी महाविद्या दस महाविद्याओं में आठवें स्थान पर विद्यमान है जो सर्व प्रकार स्तंभन युक्त शक्ति पीताम्बरा के नाम से प्रसिद्ध है। बगलामुखी शब्द दो शब्दों से बना है पहला ‘बगला‘ तथा दूसरा ‘मुखी‘। बगला से अर्थ हैं ‘विरूपण का कारण’ (वगुला एक पक्षी हैं, जिसकी क्षमता एक जगह पर अचल खड़े हो शिकार करना है) तथा मुखी से तात्पर्य मुख से है जिसका अर्थ है, मुख को विपरीत दिशा में मोड़ना। जिसको बगलामुखी कहा जाता है।

देवी बगलामुखी स्तम्भन की पूर्ण शक्ति हैं, तीनों लोकों में प्रत्येक घोर विपत्ति से लेकर सामान्य मनुष्य तक किसी भी प्रकार की विपत्ति स्तम्भन करने में समर्थ है, जैसे किसी स्थाई अस्वस्थता, निर्धनता समस्या देवी कृपा से ही स्तंभित होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप जातक स्वस्थ, धन सम्पन्नता इत्यादि प्राप्त करता हैं। देवी अपने भक्तों के शत्रुओं के पथ तथा बुद्धि भ्रष्ट कर उन्हें हर प्रकार से स्तंभित कर रक्षा करती हैं। शत्रु अपने कार्य में कभी सफल नहीं हो पाता, शत्रु का पूर्ण रूप से विनाश होता ही हैं।

लसच्चारु शिंजत् mahavidya baglamukhi सुमंजीर पादां चलत् स्वर्ण कर्णावतं साचितास्यां । वलत्पीत चन्द्राननां चन्द्र वन्द्यां भजे पद्मजाद्यैः लसत् पाद पद्माम् ।।

साधना काल में बाल न कटवाएं और न क्षौर कर्म ही करें।

यस्य स्मरणमात्रेण पवनोऽपि स्थिरायते ।।



Worshipping Baglamukhi has the potent advantage of removing the devotees’ hurdles and illusions and making a distinct highway to prosperity in life.

गदाभ्रमण भिन्नाभ्रां भ्रुकुटी भीषणाननां । भीषयंतीं भीमशत्रून् भजे भक्तस्य भव्यदाम् ।।

Report this wiki page